केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार भारतीय निर्यातकों की चिंताओं को गंभीरता से ले रही है और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए एक न्यायसंगत, संतुलित और समान व्यापार समझौते की दिशा में कार्य कर रही है।
यह बयान उन्होंने तमिलनाडु के वाणिज्य मंत्री टी.आर.बी. राजा के साथ एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान दिया, जहाँ भारतीय निर्यातकों को प्रभावित करने वाले हालिया शुल्क (टैरिफ) से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा हुई।
राजा ने बताया कि विशेष रूप से कपड़ा और समुद्री खाद्य निर्यातक हाल के वैश्विक टैरिफ उपायों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इन उद्योगों के लिए राहत और सहयोग के उपाय करने की अपील की।
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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोयल ने कहा, “हम ऐसा कोई व्यापार समझौता नहीं करेंगे जो हमारे किसानों, मजदूरों या मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाए। यह कल, अगले महीने या अगले साल हो सकता है, लेकिन देशहित सर्वोपरि रहेगा।”
गोयल ने यह भी बताया कि भारत वैश्विक व्यापार में हर परिस्थिति के लिए तैयार है और अपने निर्यातकों के लिए बाजारों का विविधीकरण कर रहा है। उन्होंने कहा, “यूरोपीय संघ (EU) ने हाल ही में हमारे कई मत्स्य उत्पादों को मंजूरी दी है। अमेरिका में चुनौतियों को देखते हुए हमने यूरोप, रूस और खाड़ी देशों से संपर्क बढ़ाया है, जो अब हमारे उत्पाद खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।”
उन्होंने जोर दिया कि भारत के पास बड़ी चुनौतियों से निपटने की क्षमता है और सरकार निर्यातकों को हर संभव नीतिगत और बाजार समर्थन देती रहेगी।
गोयल ने कहा, “भारत कमजोर नहीं है — हम अपने निर्यातकों के लिए हर रास्ता खोज लेंगे।”
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