प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई और कामराजर पोर्ट्स के लिए तीन नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बंदरगाह अवसंरचना को सुदृढ़ करना और लॉन्ग-टर्म स्थिरता सुनिश्चित करना है।
इनमें प्रमुख परियोजना कोस्टल बर्थ के पीछे पोर्ट की मौजूदा रिवेटमेंट को मजबूत करना शामिल है, जिसका अनुमानित खर्च ₹33 करोड़ है। यह कदम पोर्ट की संरचना को समुद्री लहरों और अन्य प्राकृतिक प्रभावों से सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये परियोजनाएं न केवल पोर्ट की क्षमता और संचालन क्षमता बढ़ाएंगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और लॉजिस्टिक क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्ता मानकों के अनुसार पूरा किया जाए।
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इसके अलावा, पीएम मोदी ने कहा कि पोर्ट्स के विकास से समुद्री व्यापार में वृद्धि, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार का लक्ष्य है कि भारत के पोर्ट्स आधुनिक तकनीक और पर्यावरण-हितैषी ढांचों के माध्यम से वैश्विक मानकों तक पहुंचे।
विशेषज्ञों का मानना है कि चेन्नई और कामराजर पोर्ट्स के लिए ये परियोजनाएं केंद्रीय और राज्य सरकार की रणनीति का हिस्सा हैं, जिससे भारत के समुद्री व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों में मजबूती आएगी।
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