केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारियों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मुलाकात करेंगे। The Indian Witness ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य आगामी बजट को लेकर विशेषज्ञों के सुझाव और विचार जानना है, ताकि आर्थिक नीतियों को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया जा सके।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2026-27 का आम बजट 1 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं और भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 50 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लागू किया गया है। ऐसे में सरकार के सामने आर्थिक संतुलन बनाए रखने, विकास की गति तेज करने और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने की चुनौती होगी।
प्रधानमंत्री के साथ होने वाली इस बैठक में केवल अर्थशास्त्री ही नहीं, बल्कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम और आयोग के अन्य सदस्य भी शामिल होंगे। बैठक में कृषि, विनिर्माण, निर्यात, रोजगार, बुनियादी ढांचे, स्टार्टअप्स और सामाजिक कल्याण जैसे अहम क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है।
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सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री विशेषज्ञों से यह जानना चाहेंगे कि वैश्विक आर्थिक दबावों के बीच भारत किस तरह अपनी विकास दर को बनाए रख सकता है। साथ ही, अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ के असर से निपटने के लिए वैकल्पिक रणनीतियों पर भी विचार किया जाएगा।
सरकार का प्रयास है कि बजट 2026-27 के जरिए निवेश को बढ़ावा दिया जाए, रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएं और आम लोगों को महंगाई से राहत मिले। अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से मिलने वाले सुझावों को बजट निर्माण की प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।
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