प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल अगला बड़ा चुनावी मैदान है। बिहार चुनाव खत्म होते ही बीजेपी ने अपनी अगली बड़ी तैयारी शुरू कर दी है: 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव। मोदी ने कहा, “बिहार की गंगा बंगाल की महत्वाकांक्षाओं को भी पोषण देती है।”
बीजेपी ने लगातार हार के बावजूद बंगाल में संगठनात्मक तैयारी में तेजी लाई है। पार्टी ने छह अलग-अलग राजनीतिक क्षेत्रों में चुनाव रणनीति बनाई है। इन क्षेत्रों में अनुभवशील नेताओं को नियुक्त किया गया है जो न केवल तृणमूल कांग्रेस के मजबूत आधार को चुनौती देंगे बल्कि बूथ स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत करेंगे।
उत्तर बंगाल में गोरखालैंड और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। रारह बंगाल बेल्ट में हिंदी भाषी मजदूर और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए संगठनात्मक रणनीति बनाई गई है। हावड़ा-हुगली-मेदिनिपुर त्रिकोण में कड़ी चुनावी तैयारी की जा रही है, जबकि कोलकाता मेट्रो और दक्षिण 24 परगना में शहरी मतदाताओं को जोड़ने पर फोकस है। नाबाद्वीप और उत्तर 24 परगना में धार्मिक संवेदनशील क्षेत्रों में सूक्ष्म रणनीति अपनाई जा रही है।
और पढ़ें: ट्रम्प-ममदानी बैठक पर शशि थरूर की पोस्ट को BJP का समर्थन
बीजेपी का लक्ष्य ममता बनर्जी के 15 साल के मजबूत शासन को चुनौती देना और अपने वोट बैंक को मजबूत करना है। मटका, नामा सुद्रा और राजबंशी जैसे अनुसूचित जाति समुदायों में पार्टी ने प्रभाव बढ़ाया है। 2019 लोकसभा चुनावों में मटुआ वोटों के बल पर बीजेपी ने उत्तरी 24 परगना में मजबूत पकड़ बनाई।
बीजेपी की रणनीति में संगठन, सांस्कृतिक आउटरीच, और चुनावी नैरेटिव की समयबद्ध योजना शामिल है। बंगाल की जटिल राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी ने यह समझ लिया है कि चुनाव सिर्फ शक्ति की लड़ाई नहीं, बल्कि भावनाओं और पहचान का खेल है। आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी पूरी तरह तैयार है और संगठन, रणनीति और समय प्रबंधन पर जोर दे रही है।
और पढ़ें: बिहार में बड़ा बदलाव: नीतीश ने गृह विभाग व अहम मंत्रालय BJP को सौंपे