पुणे की मॉडल कॉलोनी स्थित 65 साल पुराने जैन हॉस्टल की जमीन की बिक्री के प्रस्ताव के खिलाफ छात्रों और पूर्व छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह हॉस्टल लंबे समय से जैन समुदाय के छात्रों के लिए शिक्षा और आवास का केंद्र रहा है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हॉस्टल ट्रस्ट ने बिना उचित परामर्श और पारदर्शिता के जमीन बेचने का निर्णय लिया है।
प्रदर्शन करने वाले छात्रों और पूर्व विद्यार्थियों ने कहा कि यह हॉस्टल सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि “जैन संस्कृति और शिक्षा का प्रतीक” है, जिसने दशकों से हजारों छात्रों को सहारा दिया है। उनका कहना है कि यदि यह जमीन बेची गई, तो गरीब और मध्यम वर्गीय जैन छात्रों के लिए सस्ती आवास सुविधा खत्म हो जाएगी।
पूर्व छात्रों के एक समूह ने बताया कि वे ट्रस्ट से इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट को किसी वाणिज्यिक उद्देश्य से संपत्ति बेचने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह जमीन दान के रूप में शिक्षा उद्देश्यों के लिए दी गई थी।
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कुछ स्थानीय निवासियों ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया और कहा कि हॉस्टल की विरासत और ऐतिहासिक महत्व को बचाया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार और पुणे नगर निगम से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इस ऐतिहासिक संस्थान को संरक्षित रखा जा सके।
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