पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक कड़ी टिप्पणी करते हुए पंजाब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव समेत तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी किया है। न्यायालय ने इन अधिकारियों पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसे उनके वेतन से काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष (CM Relief Fund) में जमा करने का निर्देश दिया गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुदीप्ति शर्मा ने उस अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसे शहीद भगत सिंह मिनी ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि राज्य के कई हिस्सों में अवैध रूप से संशोधित (illegally modified) वाहन सड़कों पर चल रहे हैं, जिन पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय ने पहले ही निर्देश जारी किए थे।
न्यायमूर्ति शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि संबंधित अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशों की “लगातार और जानबूझकर अवहेलना” की है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च स्तर के पद पर बैठे अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे कानून के प्रति जवाबदेही और सम्मान का उदाहरण प्रस्तुत करें, लेकिन इन मामलों में यह स्पष्ट रूप से नहीं हुआ।
और पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम: मसौदा नियमों की मंजूरी में देरी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा — केंद्र क्या कर रहा है?
अदालत ने चेतावनी दी कि यदि आगे भी आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो और कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह फैसला राज्य प्रशासन को अदालत के निर्देशों की गंभीरता को समझने के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
और पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट में तीन नए न्यायाधीशों ने संभाली जिम्मेदारी