कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के उन मतदाताओं के साथ चाय का आनंद लिया जिन्हें चुनाव आयोग ने ‘मृत’ घोषित कर दिया था। इस अनोखी बैठक में उन्होंने मतदाताओं की परेशानियों को सुना और चुनाव आयोग (ECI) को उनके अनुभव को साझा करने के लिए धन्यवाद कहा।
समूह के सदस्यों ने राहुल गांधी को बताया कि उनकी वास्तविक पहचान और मतदान अधिकार को बहाल करने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कई लोग ऐसे थे जिनके नाम वोटिंग सूची से गलती से हटा दिए गए थे, जिससे उन्हें मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं हो पा रहा था।
राहुल गांधी ने इस अवसर पर कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक का वोट महत्वपूर्ण होता है और इसे सुरक्षित रखना सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। उन्होंने मतदाताओं से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि उनकी आवाज़ सुनी जानी चाहिए।
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इस बैठक ने न केवल मतदाता अधिकारों की गंभीरता को उजागर किया, बल्कि चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला। उपस्थित लोगों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बावजूद उन्हें कई बाधाओं और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राहुल गांधी की यह पहल चुनाव आयोग और न्यायपालिका के सामने मतदाता अधिकारों की सुरक्षा का संदेश देती है। यह घटना दिखाती है कि नेता अपने क्षेत्र के मतदाताओं की समस्याओं को समझने और उनके लिए आवाज उठाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं।
इस प्रकार, बिहार में ‘मृत’ घोषित मतदाताओं के साथ राहुल गांधी की यह मुलाकात न केवल संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक कदम है, बल्कि लोकतंत्र में नागरिकों के मतदान अधिकार की अहमियत को भी दर्शाती है।
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