राहुल गांधी इस समय जर्मनी दौरे पर हैं, वहीं संसद में मनरेगा (MGNREGA) के नाम में बदलाव से जुड़े विधेयक पर चर्चा से पहले कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है। संसद में एक-दो दिन के भीतर मनरेगा का नाम बदलने वाला विधेयक पेश होने की संभावना है। इस बीच, कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा नाम जो सदन से अनुपस्थित रहेगा, वह राहुल गांधी हैं। उधर, भाजपा ने भी अपने सांसदों को 15 से 19 दिसंबर तक संसद में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
हालांकि संख्याबल के लिहाज से राहुल गांधी की गैरमौजूदगी से मतदान के नतीजों पर कोई खास असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। लोकसभा में कांग्रेस के 99 सांसद हैं, जबकि संयुक्त विपक्ष के पास 543 सदस्यीय सदन में 234 सीटें हैं। इसके मुकाबले एनडीए के पास 291 सांसद हैं। बावजूद इसके, राहुल गांधी की अनुपस्थिति कांग्रेस को भाजपा के तंज का सामना करने के लिए खुला छोड़ देती है।
भाजपा पहले ही संसद के महत्वपूर्ण शीतकालीन सत्र के दौरान राहुल गांधी के जर्मनी दौरे को लेकर सवाल उठा चुकी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष (LoP) का मतलब अब “लीडर ऑफ पर्यटन” हो गया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी को “गैर-गंभीर नेता” बताते हुए कहा कि जब देश काम के मोड में है, तब वह स्थायी अवकाश पर रहते हैं।
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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह संसद सत्र के दौरान विदेश में समय बिताते हैं और बाद में कहते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता।
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों का हवाला दिया है। कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा शीतकालीन सत्र पार्टी के लिए अहम है, क्योंकि सरकार यूपीए सरकार की प्रमुख योजना मनरेगा का नाम बदलने जा रही है। नए नाम—‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’—को लेकर कांग्रेस नाराज है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी का नाम हटाना उनकी विरासत मिटाने की मंशा को दर्शाता है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कहा कि गांधी जी देश के सबसे महान नेताओं में से एक हैं और संसद में जरूरी मुद्दों पर चर्चा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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