कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घोषणा की है कि वह जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की गोलाबारी और ड्रोन हमलों के दौरान माता-पिता को खोने वाले 22 बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे। यह गोलाबारी हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई थी, जिसमें कुल 28 लोगों की जान गई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पुंछ ज़िले में सबसे ज्यादा नागरिक हताहत हुए, जहां अकेले 13 नागरिकों की मौत हुई। पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी और ड्रोन हमलों में कई परिवार प्रभावित हुए, जिनमें बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन का अवसर दिलाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह पहल तब तक जारी रहेगी जब तक सभी 22 बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर लेते।
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स्थानीय लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल प्रभावित परिवारों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि अन्य नेताओं को भी मानवता के लिए ऐसे कदम उठाने की प्रेरणा देगा।
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलाबारी से आम लोगों में दहशत है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य इन हमलों का जवाब देना और सीमा सुरक्षा को मजबूत करना था।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मानवीय कदमों से स्थानीय लोगों का मनोबल बढ़ेगा और प्रभावित बच्चों को बेहतर भविष्य मिलेगा।
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