भारतीय रेलवे में लगातार बढ़ रही जनशक्ति कमी के बीच एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेलवे बोर्ड ने अपने नेटवर्क में 5,058 पूर्व सैनिकों को चौकीदार के रूप में तैनात करने की मंजूरी दे दी है। यह भर्ती अल्पकालिक संविदा (contractual) के आधार पर की जाएगी, जब तक कि रेलवे भर्ती सेल (RRC) के माध्यम से नियमित पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
चौकीदार रेलवे की संचालन व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उनके कार्य सीधे ट्रेन संचालन, लाइन बदलने और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े होते हैं। महत्वपूर्ण सुरक्षा-संवेदनशील भूमिकाओं में संविदा कर्मियों की नियुक्ति को लेकर ट्रेड यूनियनों ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल संविदा कर्मियों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, बल्कि सुरक्षा पर भी प्रभाव डाल सकता है।
इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने भी पहले ऐसा सुझाव दिया था कि सुरक्षा-संवेदनशील पदों पर संविदा कर्मियों की नियुक्ति से बचा जाना चाहिए। फिर भी, रेलवे बोर्ड ने मौजूदा स्टाफ की भारी कमी और संचालन पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए यह कदम एक 'अंतरिम व्यवस्था' के रूप में उठाया है।
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अधिकारियों का कहना है कि पूर्व सैनिकों को रेलवे की इस भूमिका के लिए चुना गया है क्योंकि वे अनुशासित, प्रशिक्षित और कठिन परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम होते हैं। रेलवे का मानना है कि नियमित भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक यह कदम संचालन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब रेलवे के विभिन्न जोनों में स्टाफ की भारी कमी के कारण संचालन प्रभावित हो रहा है। आने वाले महीनों में इन पूर्व सैनिकों की तैनाती पूरे रेलवे नेटवर्क में चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी।
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