राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सत्र पूरी तरह ठप हो गया, जब कांग्रेस विधायकों ने किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार ने किसानों की आय और उनके हितों की अनदेखी की है। विधायकों ने फर्श पर बैठकर और नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस ने कहा कि किसानों को खरीफ और रबी फसलों के लिए उचित मूल्य और अनुदान दिए जाने चाहिए। उन्होंने सरकार से तत्काल कदम उठाने और किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की। इसके अलावा, विधायकों ने बिजली, बीज और सिंचाई जैसी आधारभूत सुविधाओं में सुधार की भी मांग उठाई।
विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा का कार्य बाधित हो गया। सभापति ने कई बार शांति बनाए रखने और सदन की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने धरना जारी रखा। इससे सभी महत्वपूर्ण बिल और प्रस्ताव चर्चा के लिए लंबित रह गए।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह विरोध आंदोलन राज्य में कृषि संकट और किसानों की बढ़ती समस्याओं को उजागर करने का तरीका है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस तरह का हंगामा राजनीतिक दबाव बनाने और सरकार को किसानों के हित में कार्रवाई करने के लिए मजबूर करने का एक साधन हो सकता है।
सरकार ने भी विपक्ष को शांति बनाए रखने और चर्चा के लिए समय देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन कांग्रेस ने अपनी मांगों पर जोर देते हुए सदन की कार्यवाही को पूरी तरह ठप कर दिया।
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