राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में जर्जर कक्षाओं के उपयोग पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार, ऐसी सभी कक्षाओं में पढ़ाई नहीं कराई जाएगी, ताकि बच्चों की जान को किसी तरह का खतरा न हो।
एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में वर्तमान में 63,018 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें कुल 5,26,162 कक्षाएँ हैं। इनमें से 86,934 कक्षाएँ पूरी तरह जर्जर पाई गई हैं और किसी भी समय गिरने का खतरा बनी हुई है। कोर्ट ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करे और जिन कक्षाओं में दरारें या ढांचा कमजोर है, उन्हें तुरंत खाली कराया जाए। साथ ही, कोर्ट ने सरकार से विस्तृत कार्ययोजना पेश करने को कहा है कि इन खतरनाक कक्षाओं को कैसे और कब तक बदला जाएगा।
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शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश समय की मांग थी, क्योंकि लंबे समय से स्कूलों की जर्जर इमारतों को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो हादसों की आशंका बनी रहती।
सरकार का कहना है कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता देगी और छात्रों को सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई सुनिश्चित करेगी। वित्तीय प्रावधानों और नई इमारतों के निर्माण की प्रक्रिया तेज करने की भी घोषणा की गई है।
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