राजस्थान पुलिस ने केंद्रीय और राज्य सरकार की कल्याण योजनाओं में व्यवस्थित धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ के तहत पुलिस ने लगभग 700 किलोमीटर के क्षेत्र में 30 स्थानों पर छापेमारी की, जो दौसा और बांदीकुई से लेकर मध्य प्रदेश के आस-पास के क्षेत्रों तक फैला हुआ था।
पुलिस ने बताया कि यह देश में इस तरह की पहली कार्रवाई थी, जिसने किसानों, गरीबों और कमजोर समुदायों के लिए बनाए गए सार्वजनिक धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग को उजागर किया। कार्रवाई के दौरान कुल ₹3 करोड़ की संपत्तियां जब्त की गईं, जिसमें ₹52.69 लाख नकद, 14 लग्जरी वाहन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं।
राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सिंडिकेट ने विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ हथियाने के लिए साइबर माध्यम का उपयोग किया। अभियुक्तों ने योजनाओं के लिए फर्जी दस्तावेज और डेटा तैयार करके धन की हेराफेरी की। ऑपरेशन शटर डाउन के तहत की गई छापेमारी में सिंडिकेट के नेटवर्क और उनके अंतरराज्यीय संबंधों का भी खुलासा हुआ।
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पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य भविष्य में सरकारी कल्याण योजनाओं के दुरुपयोग को रोकना और लाभार्थियों तक सही तरीके से मदद पहुंचाना है।
राजस्थान पुलिस की यह पहल साइबर अपराध और कल्याण योजनाओं में धोखाधड़ी पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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