रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि युद्ध केवल सेना नहीं लड़ती बल्कि पूरा देश एकजुट होकर उसका सामना करता है। उन्होंने सिविल और मिलिट्री के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया ताकि किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में राष्ट्र अधिक प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया दे सके।
रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों द्वारा सशस्त्र बलों को दिए गए “असाधारण बैकएंड समर्थन” की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यही सहयोग हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कुंजी रहा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित किया है कि जब मंत्रालय के सभी विभाग एक साथ मिलकर काम करते हैं तो सशस्त्र बलों की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने नागरिक प्रशासन, लॉजिस्टिक्स, तकनीकी सहायता और नीतिगत समर्थन को युद्ध या बड़े सैन्य अभियानों में “अदृश्य लेकिन निर्णायक शक्ति” बताया।
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे विशाल और विविध देश में केवल सैनिकों की ताकत पर्याप्त नहीं है; हर नागरिक, उद्योग और प्रशासनिक इकाई को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यही कारण है कि सरकार सिविल-मिलिट्री एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल कर रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में चुनौतियों का सामना करने के लिए इस तालमेल को और मजबूत किया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता दोनों को बल मिलेगा।
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