रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ नामक ऐतिहासिक अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दुनिया का पहला त्रि-सेवा (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) महिला नौकायन अभियान है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की दस महिला अधिकारी भाग ले रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह दल स्वदेशी निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत (IASV) त्रिवेणी पर सवार होकर नौ महीने लंबी विश्व परिक्रमा पर निकला है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करना है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक क्षमता, साहस और आत्मनिर्भरता का भी प्रदर्शन करना है।
इस दल में थल सेना, नौसेना और वायुसेना की चयनित महिला अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें लंबी और कठिन समुद्री यात्राओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यात्रा के दौरान वे विभिन्न महासागरों और समुद्री मार्गों से होकर गुजरेंगी, जिससे न केवल उनकी सामरिक क्षमता की परीक्षा होगी, बल्कि यह भी संदेश जाएगा कि भारतीय महिलाएँ हर क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं।
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राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह अभियान भारत के लिए गौरव की बात है और यह महिला शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारी शक्ति को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इससे देश की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ भविष्य में महिलाओं की भागीदारी को और व्यापक बनाएगी और भारतीय सशस्त्र बलों की वैश्विक छवि को भी मजबूत करेगी।
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