केरल में एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान शनिवार (8 नवंबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा एक गीत गाए जाने को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। छात्रों के एक समूह द्वारा ट्रेन में यह गीत प्रस्तुत किए जाने पर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस प्रदर्शन का बचाव किया और विवाद को "अनावश्यक" बताया।
कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने रेलवे पर निशाना साधते हुए कहा कि छात्रों का इस्तेमाल संघ परिवार के "सांप्रदायिक एजेंडा" को आगे बढ़ाने के लिए किया गया, जो पूरी तरह अवैध और अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा, “वंदे भारत सेवा के उद्घाटन समारोह में जो हुआ, वह संघ परिवार की संकीर्ण राजनीति का हिस्सा है, जो लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करती है।”
इस घटना के बाद राज्य में वामपंथी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और रेलवे प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा। विपक्ष का आरोप है कि सरकारी संस्थाओं और सार्वजनिक आयोजनों को "सांप्रदायिक रंग" देने की यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है।
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वहीं, भाजपा नेताओं ने विवाद को बेबुनियाद बताया, उनका कहना है कि यह गीत छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति का हिस्सा था और इसे राजनीतिक नजरिए से देखना गलत है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “ऐसी घटनाओं को अनावश्यक रूप से राजनीतिक बनाना विपक्ष की आदत बन गई है।”
यह विवाद अब रेलवे प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच नए टकराव का विषय बन गया है।
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