जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया। 77 वर्षीय मलिक ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवा दी। वे मेघालय, गोवा, ओडिशा और बिहार के भी राज्यपाल रह चुके हैं।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक करियर समाजवादी आंदोलन से शुरू हुआ और बाद में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी जुड़े। उन्होंने केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य किया और अपने स्पष्टवादी विचारों और बेबाक बयानों के लिए प्रसिद्ध रहे।
2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में ही अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाकर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। यह भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक और निर्णायक क्षण था, जिसमें सत्यपाल मलिक की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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राजनीतिक जीवन में उन्होंने किसानों के मुद्दों, शिक्षा और सामाजिक न्याय को लेकर भी सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि सत्यपाल मलिक भारतीय राजनीति में स्पष्टवादिता, ईमानदारी और साहसिक निर्णयों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
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