सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को केरल सरकार को खुली जेल परिसर की भूमि ब्रह्मोस एयरोस्पेस तिरुवनंतपुरम लिमिटेड (BATL) को आवंटित करने की अनुमति दे दी। इस निर्णय के बाद अब जेल परिसर के आसपास ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों के निर्माण से जुड़े उच्च सुरक्षा वाले प्रतिष्ठान मौजूद होंगे और कैदियों का पड़ोस रक्षा उत्पादन इकाइयों से जुड़े क्षेत्र के साथ साझा होगा।
राज्य सरकार ने अदालत में कहा कि BATL, जो कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अधीन कार्यरत है, को यह भूमि उसके मौजूदा संचालन के विस्तार के लिए दी जा रही है। इसमें उन्नत मिसाइलों और रणनीतिक रक्षा हार्डवेयर के लिए दूसरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना शामिल है। राज्य सरकार के अनुसार, इस भूमि आवंटन से राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन क्षमता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
योजना के तहत, BATL को कुल 180 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी। इसके अलावा, सशस्त्र सीमा बल (SSB) को 45 एकड़ भूमि बटालियन मुख्यालय स्थापित करने के लिए और 32 एकड़ भूमि फोरेंसिक यूनिवर्सिटी के लिए दी जाएगी। राज्य का कहना है कि यह एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसमें रक्षा उत्पादन और सुरक्षा अधोसंरचना को मजबूत किया जा रहा है।
और पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई, कहा—कैंटोनमेंट बोर्डों के चुनाव न कराना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने पूरी दलीलों पर विचार करते हुए राज्य सरकार की इस योजना को हरी झंडी दिखा दी। अदालत ने माना कि जब परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने और रक्षा विस्तार को बढ़ावा देने से जुड़ी है, तो भूमि आवंटन उचित है।
इस फैसले के बाद केरल में रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं के विस्तार का रास्ता और साफ हो गया है, जबकि खुली जेल की भूमि के उपयोग पर उठे विवादों को भी न्यायिक समाधान मिल गया है।
और पढ़ें: आसाराम बापू की जमानत शर्तों में गुजरात हाईकोर्ट ने किया संशोधन