सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने देश के नौ अलग-अलग हाई कोर्ट में कार्यरत 14 जजों के तबादले का प्रस्ताव रखा है। यह कदम न्यायपालिका में प्रशासनिक दक्षता और संतुलन बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इस प्रस्तावित तबादले में विभिन्न हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल हैं। कोलेजियम का मानना है कि समय-समय पर ऐसे स्थानांतरण न्यायिक कार्यप्रणाली को मजबूत बनाते हैं और न्यायालयों में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को सुनिश्चित करते हैं।
यह हालिया कदम ऐसे समय आया है जब इसी तरह का एक बड़ा फेरबदल मई महीने में हुआ था, ठीक उस समय जब न्यायमूर्ति डी.वाई. गवई ने भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था। तब भी कई हाई कोर्ट के जजों का स्थानांतरण कर न्यायपालिका के कामकाज को बेहतर करने की कोशिश की गई थी।
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कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जजों के तबादले से एक ओर जहां अनुभव और दृष्टिकोण का आदान-प्रदान होता है, वहीं दूसरी ओर न्यायिक व्यवस्था में नए आयाम जुड़ते हैं। हालांकि, ऐसे स्थानांतरण अक्सर बहस का विषय भी बन जाते हैं, क्योंकि कई बार जज और बार एसोसिएशन इस पर अपनी राय रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम का यह फैसला राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही प्रभावी होगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है, तो नौ हाई कोर्ट में एक बार फिर महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव देखने को मिलेंगे।
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