केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य वर्ष 2005 से लागू महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) अधिनियम को निरस्त करना है। विधेयक के प्रस्तुतीकरण के दौरान सदन में विपक्ष ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।
लोकसभा में कार्य संचालन और आचरण नियमों के नियम 72(1) के तहत इस विधेयक को पेश किए जाने का विपक्षी दलों ने विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि मनरेगा जैसे अधिकार आधारित कानून को समाप्त करना ग्रामीण गरीबों और मजदूरों के हितों के खिलाफ है। इसके बावजूद सरकार ने विधेयक को पेश करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई।
विधेयक पेश करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि VB-G RAM G बिल का उद्देश्य ग्रामीण भारत में रोजगार और आजीविका की गारंटी को और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल रोजगार उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। चौहान ने सदन में कहा, “यह बिल राम राज्य की स्थापना के लिए है, जहां हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन, रोजगार और आजीविका का अवसर मिलेगा।”
और पढ़ें: संसद शीतकालीन सत्र: लोकसभा में MGNREGA का नाम बदलने वाले बिल पर प्रियंका गांधी का केंद्र पर हमला
सरकार का दावा है कि नया विधेयक रोजगार सृजन के साथ-साथ कौशल विकास, ग्रामीण उद्यमिता और टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देगा। इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया जाएगा।
हालांकि विपक्षी दलों ने सरकार के इरादों पर सवाल उठाते हुए कहा कि मनरेगा एक कानूनी अधिकार प्रदान करता है, जिसमें 100 दिनों के रोजगार की गारंटी है। उनका आरोप है कि नए विधेयक से इस अधिकार आधारित ढांचे को कमजोर किया जा सकता है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में संसद के भीतर और बाहर तीखी बहस होने की संभावना है।
और पढ़ें: महात्मा गांधी के नाम को हटाना अपमानजनक: नए ग्रामीण रोजगार कानून पर विपक्ष का केंद्र पर हमला