प्रसिद्ध अभिनेत्री श्वेता मेनन ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एक एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि यह एफआईआर दुर्भावनापूर्ण और दुर्भिप्रेरित है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है।
श्वेता मेनन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि जिन फिल्मों को लेकर मामला दर्ज किया गया है, वे सभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से पूर्व में प्रमाणित हो चुकी हैं और उनका सार्वजनिक प्रदर्शन कई वर्ष पहले हो चुका है। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर निराधार और अनुचित है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई न केवल उनके व्यक्तिगत अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि यह भारतीय सिनेमा और कलाकारों को अनावश्यक कानूनी परेशानियों में डालने की एक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
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केरल हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है और जल्द ही इस पर सुनवाई किए जाने की संभावना है।
श्वेता मेनन का यह कदम फिल्म उद्योग के उन कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो सेंसरशिप के बावजूद कानूनी जटिलताओं का सामना कर रहे हैं। फिल्म बिरादरी ने इस मामले को रचनात्मक स्वतंत्रता की रक्षा से भी जोड़ा है और न्यायपालिका से उचित राहत की उम्मीद जताई है।
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