न्यूयॉर्क की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि सोशल मीडिया कंपनियां 2022 में हुई बफ़ेलो सामूहिक गोलीबारी के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराई जाएंगी। इस हमले में कई लोगों की जान गई थी और यह अमेरिका में नस्लीय घृणा से प्रेरित आतंकवादी घटना मानी गई थी।
अदालत के अनुसार, भले ही हमलावर पेयटन जेंड्रोन ने हमले से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन इन कंपनियों को इस अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट का कहना है कि प्लेटफॉर्म्स पर डाली गई सामग्री या उनका उपयोग करने वाले व्यक्तियों के आपराधिक कृत्यों के लिए कंपनियों पर सीधे कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती।
हमलावर जेंड्रोन ने राज्य स्तरीय आरोपों को स्वीकार कर लिया था, जिनमें हत्या और घृणा से प्रेरित आतंकवाद के आरोप शामिल थे। फरवरी 2023 में उसे बिना पैरोल की संभावना के उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
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यह मामला अमेरिका में सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी को लेकर चल रही कानूनी बहस का हिस्सा है। पीड़ित परिवारों ने दलील दी थी कि इन प्लेटफॉर्म्स ने घृणा फैलाने वाली सामग्री और उग्रवादी विचारधाराओं को रोकने में असफलता दिखाई, जिससे यह हमला संभव हुआ।
हालांकि, अदालत ने साफ किया कि अमेरिकी कानूनों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आमतौर पर उपयोगकर्ताओं द्वारा डाली गई सामग्री के लिए दायित्व से छूट प्राप्त है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला टेक कंपनियों के लिए बड़ी राहत है, लेकिन ऑनलाइन नफरत और हिंसा रोकने की जिम्मेदारी पर बहस आगे भी जारी रहेगी। अदालत ने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियामक कदमों पर विचार किया जा सकता है।
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