संसद की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह राज्यों में उद्योगों का समान और संतुलित वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना पेश करे। समिति ने कहा कि औद्योगिक निवेश और विकास केवल कुछ चुनिंदा राज्यों तक सीमित न रह जाए, बल्कि पूरे देश में समान रूप से फैलाया जाए ताकि आर्थिक अवसरों का अधिकतम लाभ सभी राज्यों को मिल सके।
यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार विपक्ष के नियंत्रण वाले राज्यों के प्रति “पक्षपाती” रवैया अपनाती है और नए औद्योगिक निवेशों को इन राज्यों से बाहर ले जाने के लिए बाध्य कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस प्रकार की नीति आर्थिक असमानता को और बढ़ावा देती है और राष्ट्रीय विकास की मूल भावना के विपरीत है।
स्थायी समिति ने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निवेश और उद्योग केवल विकसित या राजनीतिक दृष्टि से प्रमुख राज्यों में ही न हों। इसके लिए औद्योगिक नीति में सुधार और एक राष्ट्रीय स्तर की रणनीति की आवश्यकता है, जो क्षेत्रीय संतुलन और समान अवसर प्रदान करे।
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समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों के बीच निवेश वितरण की निगरानी के लिए पारदर्शी तंत्र विकसित किया जाए। इससे न केवल रोजगार सृजन में वृद्धि होगी बल्कि सभी राज्यों में समग्र आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य को समान अवसर और प्रोत्साहन दिए जाने चाहिए ताकि उद्योगों का केंद्रित होना रोका जा सके।
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