सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे जमीनी हालात को ध्यान में रखें और पहलगाम हमले को न भूलें। मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर रुख करते हुए कहा, “आपको जमीनी वास्तविकताओं पर विचार करना होगा... याद कीजिए, पहलगाम में क्या हुआ था।”
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उस समय आई जब जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा खत्म करने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस चल रही थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान हुआ है और राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।
हालाँकि, अदालत ने संकेत दिया कि सुरक्षा और आतंकवाद की घटनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पहलगाम हमले जैसी घटनाएँ दर्शाती हैं कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कदम उठाने ज़रूरी हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि संवैधानिक अधिकार और नागरिकों की सुरक्षा — दोनों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
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सुनवाई के दौरान सरकार ने दलील दी कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास और निवेश के अवसर बढ़े हैं तथा सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है। अदालत ने कहा कि वह सभी पहलुओं पर विचार करके ही कोई निर्णय लेगी।
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