सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (3 नवंबर, 2025) को तमिलनाडु में राजनीतिक दलों के झंडे के खंभे हटाने से संबंधित मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की याचिका को सुनवाई के लिए दूसरी पीठ को भेज दिया।
यह मामला मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश से जुड़ा है जिसमें राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों से सभी राजनीतिक दलों के झंडे के खंभे (फ्लैगपोल) हटाने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट का कहना था कि सार्वजनिक संपत्ति पर राजनीतिक प्रतीक लगाना नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है और इससे यातायात व सार्वजनिक व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सीपीआई ने इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि पार्टी के झंडे और उनके खंभे राजनीतिक पहचान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा हैं, जिन्हें हटाना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
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यह याचिका सोमवार को न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। न्यायमूर्ति महेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को एक समान पीठ (कोऑर्डिनेट बेंच) के पास भेज दिया।
न्यायालय ने कहा कि मामला मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ को सौंपा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अभी इस पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है।
राज्य सरकार ने पहले कहा था कि वह केवल अवैध रूप से लगाए गए झंडों को हटा रही है और राजनीतिक दलों की गतिविधियों को सीमित नहीं कर रही। अब इस मामले की अगली सुनवाई नई पीठ के समक्ष होगी।
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