तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का वक्फ़ संपत्ति से जुड़ा आदेश केंद्र सरकार के लिए सिर्फ़ कलाई पर थप्पड़ की तरह है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आदेश सरकार की असावधानियों और कानूनी जिम्मेदारियों की ओर इशारा करता है, लेकिन इसे गंभीर रूप में नहीं लिया गया।
ओ’ब्रायन ने संसद की कार्यवाही की आलोचना करते हुए कहा कि आम पर्यवेक्षक भी आसानी से देख सकता है कि भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार संसद की प्रक्रिया का मज़ाक बना रही है। उनका कहना है कि पार्लियामेंट में पारदर्शिता और नियमों का पालन कम होता जा रहा है, और इस तरह के आदेश केवल चेतावनी के रूप में रह जाते हैं।
सांसद ने यह भी जोड़कर कहा कि वक्फ़ संपत्ति के मामलों में सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार के प्रशासनिक ढांचे की खामियों को उजागर करता है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारियों को इस संपत्ति के प्रबंधन और ट्रस्ट की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
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डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि इस तरह के मामलों में सरकार की निष्क्रियता और नियमों की अनदेखी लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उनके अनुसार, यदि आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो यह न केवल न्यायिक संस्थाओं की गरिमा को प्रभावित करेगा बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुँचा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को सिर्फ़ आधिकारिक प्रक्रिया की पूर्ति के रूप में न देखकर इसे प्रशासनिक सुधार के अवसर के रूप में देखना चाहिए।
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