हनुमानगढ़ जिले में निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर तनाव गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को भी बना रहा। किसानों और विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। सुबह से ही युवा और किसान तिब्बी क्षेत्र के पास एक गुरुद्वारे में जुटने लगे, जबकि इंटरनेट सेवाएं दूसरे दिन भी बंद रहीं। फैक्ट्री के आसपास रहने वाले लगभग 30 परिवार डर के कारण अपने घरों से निकल गए हैं।
बुधवार (10 दिसंबर) को स्थिति तब बिगड़ गई जब सैकड़ों किसान राठीखेड़ा स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण स्थल में घुस गए। उन्होंने बाउंड्री वॉल तोड़ दी और दफ्तर व कई वाहनों में आग लगा दी। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। इसके बाद उपद्रवियों ने एक पुलिस जीप और कई निजी वाहनों सहित दर्जनभर से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। हिंसा में 50 से ज्यादा लोग, जिनमें कई महिलाएं शामिल हैं, घायल हो गईं।
कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी लाठीचार्ज के दौरान घायल हो गए और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हिंसा के कारण इलाके में स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे।
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जिलाधिकारी डॉ. खुषाल यादव ने बताया कि फैक्ट्री को सभी आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है और यह 2022 के 'राइजिंग राजस्थान' सम्मेलन के दौरान स्वीकृत परियोजना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रतिबंधित आदेशों का उल्लंघन कर हिंसा को बढ़ावा दिया।
क्षेत्र में पुलिस, RAC और होमगार्ड की अतिरिक्त तैनाती की गई है। गुरुवार को बाजार खुले, लेकिन किसान गुरुद्वारे में जुटना जारी रहे। दोपहर में किसानों की बैठक तय है जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
किसान संगठनों का कहना है कि जब तक पर्यावरण अनुमति और स्थानीय लोगों की सहमति नहीं मिलती, फैक्ट्री को चलने नहीं दिया जाएगा। वहीं कंपनी का दावा है कि यह परियोजना केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देगी। प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत शाम तक होने की उम्मीद है।
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