तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीजीएसआरटीसी) से जुड़ी एक आरटीआई (सूचना के अधिकार अधिनियम) के जवाब ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। निगम ने यह स्वीकार किया है कि उसके पास अपनी बसों से जुड़े सड़क हादसों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।
हाल ही में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने इस पारदर्शिता की कमी को और उजागर कर दिया। यह हादसा तब हुआ जब एक ट्रक गलत दिशा में आकर टीजीएसआरटीसी की बस से टकरा गया, जिससे कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। बस में कई यात्री सवार थे और हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही कई लोगों की जान चली गई।
जब एक नागरिक ने आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी कि टीजीएसआरटीसी की बसें अब तक कितने हादसों में शामिल रही हैं, तो निगम की ओर से मिला जवाब चौंकाने वाला था —
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“हमें खेद है कि हम मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं।”
यह जवाब न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा से जुड़ी जवाबदेही पर भी गंभीर चिंता जताता है।
पुराने उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, टीजीएसआरटीसी की बसें अब तक 2,500 से अधिक सड़क हादसों में शामिल रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए ताकि सुरक्षा मानकों में सुधार किया जा सके।
सड़क सुरक्षा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और दुर्घटना रिकॉर्ड को सार्वजनिक डोमेन में नियमित रूप से साझा करने की नीति बनाए।
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