तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग (बीसी) आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर बुलाए गए बंद का व्यापक असर देखने को मिला। राज्य के कई हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित रहीं, जबकि विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और छात्र समूहों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।
हैदराबाद, वारंगल, करीमनगर और नलगोंडा जैसे जिलों में बस सेवाओं पर सबसे अधिक असर पड़ा। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) की कई बसें डिपो से नहीं निकल सकीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रेल और मेट्रो सेवाएं हालांकि सामान्य रूप से जारी रहीं, लेकिन कई मार्गों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि बीसी समुदायों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछड़ा वर्ग जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है, लेकिन उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है।
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बंद के दौरान कुछ स्थानों पर मामूली झड़पों की भी सूचना मिली, हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। सुरक्षा के मद्देनज़र प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात किया और एहतियात के तौर पर कुछ जगहों पर धारा 144 लागू की गई।
तेलंगाना सरकार ने कहा कि वह पिछड़ा वर्ग समुदायों की चिंताओं को समझती है और आरक्षण से संबंधित मांगों पर विचार के लिए एक समिति गठित की जाएगी। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार पर पिछड़ा वर्गों के प्रति वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
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