गुडालूर क्षेत्र में पिछले कई महीनों से मवेशियों पर हमला करने वाले एक तीन वर्षीय बाघ को शनिवार (29 नवंबर 2025) की सुबह वन विभाग की विशेष टीम ने सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। देवर्शोलाई क्षेत्र में देखा जा रहा यह बाघ लगातार पशुधन का शिकार कर रहा था, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में भय का माहौल था और मानव-पशु संघर्ष बढ़ने की आशंका बनने लगी थी।
वन विभाग के अनुसार, बाघ की गतिविधियाँ बढ़ने और ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाल ही में एक पिंजरा लगाकर उसे पकड़ने की रणनीति बनाई गई थी। विभाग ने विशेष रूप से इस कार्य के लिए एक टीम का गठन किया, जिसमें डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, मुदुमलाई से आए पशु चिकित्सा सहायक सर्जन तथा विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के संरक्षण विशेषज्ञ शामिल थे।
टीम कई दिनों से बाघ की गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। शनिवार सुबह बाघ पिंजरे में फंस गया, जिसके बाद विशेषज्ञ टीम ने उसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला और चिकित्सा जांच की। अधिकारियों के अनुसार बाघ स्वस्थ है और उसे जल्द ही एक सुरक्षित जंगल क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जहाँ उसके मानव क्षेत्रों में लौटने की संभावना कम होगी।
और पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया में शार्क हमले से महिला की मौत, पुरुष गंभीर रूप से घायल
स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई का स्वागत किया और राहत जताई कि लगातार मवेशियों का शिकार करने वाला यह बाघ अब मानव बस्तियों के पास नहीं आएगा। वन विभाग ने यह भी कहा कि मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर और कदम उठाए जाएंगे।
यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
और पढ़ें: कोर्बेट और राजाजी रिज़र्व में 7 साल बाद फिर से शुरू हुई हाथी सफारी