79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिहाड़ जेल ने अपने कैदियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अवसर पर लगभग 1,500 कैदियों को विशेष रियायत (स्पेशल रिमिशन) दी गई। इस तरह की पहल आमतौर पर राष्ट्रीय पर्वों या विशेष अवसरों पर कैदियों के लिए मनोबल बढ़ाने और पुनर्वास की दिशा में प्रोत्साहन देने के लिए की जाती है।
तिहाड़ जेल वर्तमान में 18,000 से अधिक कैदियों को रखती है। जेल परिसर में जेल नंबर 1 से 16 तक फैला हुआ है, जिसमें जेल नंबर 6 और 16 विशेष रूप से महिला कैदियों को रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह परिसर न केवल देश की सबसे बड़ी जेलों में से एक है, बल्कि यह सुरक्षा, निगरानी और सुधारात्मक सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है।
जेल प्रशासन का कहना है कि रियायत पाने वाले कैदियों का चयन उनके व्यवहार, समय की अवधि और सुधारात्मक गतिविधियों में भागीदारी के आधार पर किया गया है। इससे कैदियों में आशा और सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जताई जाती है।
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विशेष रियायत का उद्देश्य कैदियों को यह संदेश देना है कि समाज में सुधार और सकारात्मक बदलाव संभव है। इसके साथ ही यह पहल राष्ट्रीय पर्वों के महत्व और स्वतंत्रता के संदेश को कैदियों तक पहुँचाने का एक माध्यम भी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की पहल कैदियों के सामाजिक पुनर्वास और सुधारात्मक कार्यक्रमों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करती है।
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