देश और दुनिया की बड़ी खबरों में सबसे अहम विकास यह है कि सी. पी. राधाकृष्णन 12 सितंबर को भारत के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत के बाद यह कदम संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपालों सहित कई प्रमुख नेता और राजनयिक शामिल होंगे।
इसी बीच, नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों का असर लगातार गहराता जा रहा है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। पिछले दो दशकों में यह सबसे बड़ा जनविरोध बताया जा रहा है, जिसने वहां की राजनीतिक स्थिति को अस्थिर कर दिया है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद अंतरिम नेतृत्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
भारत सरकार ने नेपाल में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास शुरू किए हैं। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा फिर से खोले जाने के बाद विशेष उड़ानों की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
और पढ़ें: राधाकृष्णन ने जीत को बताया राष्ट्रवादी विचारधारा की विजय
इसके अतिरिक्त, देश के भीतर भी कई अहम घटनाक्रम चर्चा में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपालों की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें राज्य सरकारों के साथ सहयोगात्मक रूप से काम करना चाहिए। वहीं, विभिन्न राज्यों में चुनावी गतिविधियों और दलों के आरोप-प्रत्यारोप भी सुर्खियों में बने हुए हैं।
इन सभी घटनाओं ने दिन की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को गहराई से प्रभावित किया है, जिन पर नज़र रखना आने वाले समय के लिए महत्वपूर्ण होगा।
और पढ़ें: धनखड़ बोले- उपराष्ट्रपति निर्वाचित राधाकृष्णन पद की गरिमा और बढ़ाएंगे