यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूस के आक्रमण को समाप्त करने के लिए अमेरिका द्वारा प्रस्तावित शांति योजना पर चर्चा के लिए रविवार (23 नवंबर 2025) को जेनेवा में वार्ताएँ शुरू कीं। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख एंड्री येर्माक ने बताया कि उन्होंने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ पहली बैठक की है। कई यूरोपीय देशों और कीव ने इस शांति योजना पर गहरी चिंता जताई है क्योंकि यह रूस के हितों को अधिक साधती दिख रही है।
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो, आर्मी सेक्रेटरी डैन ड्रिस्कॉल और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ के भी वार्ता में शामिल होने की उम्मीद थी। येर्माक ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ अगली बैठक होगी और ‘‘हम स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के लिए रचनात्मक माहौल में काम कर रहे हैं।’’
अमेरिका की 28-सूत्रीय शांति योजना ने कीव और यूरोप को चिंतित कर दिया है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की का कहना है कि यह योजना यूक्रेन को अपनी संप्रभुता बचाने और अमेरिकी समर्थन बनाए रखने के बीच कठिन विकल्प चुनने की स्थिति में ला सकती है। योजना में रूस की कई मांगों को शामिल किया गया है—जिनमें बड़े हिस्से का क्षेत्र छोड़ने की बात भी है—जिसे ज़ेलेंस्की कई बार खारिज कर चुके हैं।
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फ्रांस की उप-रक्षा मंत्री ऐलिस रूफ़ो ने कहा कि इस योजना में यूक्रेनी सेना पर जो प्रतिबंध प्रस्तावित हैं, वे ‘‘यूक्रेन की संप्रभुता पर सीधा प्रहार’’ है। उन्होंने कहा कि ‘‘यूक्रेन को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।’’
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह उनकी ‘‘अंतिम पेशकश नहीं’’ है, और युद्ध ‘‘काफी पहले खत्म हो जाना चाहिए था।’’
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने भी योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि ‘‘इसका असली मसौदा किसने तैयार किया है।’’
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