संयुक्त राष्ट्र की COP30 जलवायु सम्मेलन की अंतिम वार्ता मंगलवार, 18 नवंबर 2025 को बेलेम राजनीतिक पैकेज के मसौदे के प्रकाशन के साथ शुरू हुई। यह पैकेज वैश्विक जलवायु कार्रवाई के अगले कदमों को मार्गदर्शित करने की उम्मीद है। COP30 के अध्यक्ष आंद्रे कोरेआ दो लागो ने सभी देशों को पत्र भेजकर कहा कि वे “साथ मिलकर, टास्क-फोर्स मोड में” काम करें ताकि पैकेज को शीघ्र, निष्पक्ष और सभी के हित में अंतिम रूप दिया जा सके। मसौदे पर बुधवार को विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप अपनाने की संभावना है।
ब्राजील के अमेज़न क्षेत्र के बेलेम में 10 से 21 नवंबर तक आयोजित इस सम्मेलन में 190 से अधिक देशों के वार्ताकार हिस्सा ले रहे हैं। COP30 अध्यक्षता ने जलवायु-संबंधी व्यापार प्रतिबंध, राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (NDCs) रिपोर्ट, 1.5° सेल्सियस लक्ष्य, पेरिस समझौते के अनुच्छेद 9.1 और 13, वैश्विक अनुकूलन लक्ष्य, ग्लोबल स्टॉकटेक, स्थायी वित्त समिति, ग्रीन क्लाइमेट फंड और वैश्विक पर्यावरण सुविधा समेत 11 मसौदा दस्तावेज़ प्रकाशित किए हैं। छह मुद्दे अभी वार्ता के अधीन हैं।
मसौदा “Global Mutirao: uniting humanity in a global mobilization against climate change” में जलवायु परिवर्तन को मानवता की साझा चिंता मानने और मानवाधिकारों का पालन करते हुए जलवायु कार्रवाई करने का आह्वान किया गया। 123 देशों ने नए NDCs प्रस्तुत किए हैं, जबकि भारत समेत कुछ देशों ने अभी तक संशोधित NDCs नहीं भेजे हैं। भारत अपने 2035 के लिए NDC दिसंबर तक प्रस्तुत करेगा।
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बेलेम पैकेज सभी देशों से विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त को 2035 तक वार्षिक कम से कम $1.3 ट्रिलियन तक बढ़ाने का आह्वान करता है। यह मसौदा विकसित देशों से वार्षिक $100 बिलियन लक्ष्य पूरा करने के लिए आग्रह करता है, जो अब तक औसतन $60 बिलियन ही मिला है।
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