तमिलनाडु के ऐतिहासिक समुद्री अतीत को उजागर करने के उद्देश्य से पुरातत्व विभाग इस सितंबर के मध्य में पूम्पुहार-नागपट्टिनम तट के पास पानी के नीचे पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू करेगा। यह अध्ययन समुद्र में डूबे अवशेषों की पहचान और उनके संरक्षण के प्रयासों का हिस्सा है।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के प्रस्ताव केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड (Central Advisory Board of Archaeology) को स्वीकृति के लिए भेज दिए गए हैं। जैसे ही अनुमति मिलती है, सर्वेक्षण कार्य तेजी से शुरू होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र के समुद्र तट पर प्राचीन बंदरगाह नगर पूम्पुहार (कावेरीपत्तिनम) स्थित था, जो कभी संगम युग के दौरान समृद्ध व्यापारिक केंद्र रहा था।
समुद्र के भीतर खोजे जाने वाले अवशेष तमिलनाडु की प्राचीन नौसंचालन परंपराओं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों के बारे में नई जानकारियाँ प्रदान कर सकते हैं। सर्वेक्षण के लिए उन्नत तकनीकों जैसे साइड-स्कैन सोनार, अंडरवॉटर कैमरा और ड्रेजिंग उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना है कि यह अध्ययन भारतीय समुद्री इतिहास को समझने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है।
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अधिकारियों का मानना है कि सर्वेक्षण के परिणाम न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को मजबूत करेंगे, बल्कि तमिलनाडु के तटीय पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए भी नए अवसर पैदा करेंगे।
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