उत्तर प्रदेश की एमपी-एमएलए कोर्ट ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह और चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भूमि विवाद मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह आदेश सोमवार (11 अगस्त, 2025) को विशेष न्यायाधीश (सिविल जज, सीनियर डिवीजन) अपेक्शा सिंह ने जारी किया। अदालत ने मंनकापुर थाने के प्रभारी को निर्देश दिया कि वे मंत्री समेत पाँच आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज करें।
अदालत के आदेश के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है, उनमें किर्ती वर्धन सिंह के अलावा राजेश सिंह, पिंकू सिंह, सहदेव यादव और कांती सिंह शामिल हैं। यह मामला कथित रूप से ज़मीन पर कब्ज़े और स्वामित्व से जुड़ा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने अवैध तरीके से भूमि पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हुआ। अदालत ने दस्तावेज़ों और तर्कों को सुनने के बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।
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इस आदेश के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। किर्ती वर्धन सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री हैं और भाजपा से सांसद भी रह चुके हैं। विपक्षी दलों ने इस आदेश को गंभीर मामला बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
मंनकापुर पुलिस को अब आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू करनी होगी। अदालत ने साफ किया है कि मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट समय पर पेश की जाए।
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