उत्तर प्रदेश सरकार ने अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों को राहत देने और वैश्विक बाजारों में राज्य की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए नई ‘निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–30’ लागू की है। इस नीति के तहत कई नई वित्तीय योजनाएं और सहयोग कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जो पहले की तुलना में अधिक व्यावहारिक और व्यापक सहायता प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तैयार इस नीति का उद्देश्य है कि राज्य के निर्यातक अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊँचे आयात शुल्कों के बावजूद अपनी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बनाए रखें और यूरोप व एशिया जैसे नए बाजारों में अवसर तलाशें। नीति में उत्पादन प्रोत्साहन, ब्रांडिंग समर्थन, लॉजिस्टिक्स सुधार और तकनीकी उन्नयन के लिए अनुदान जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए विशेष सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को उनके उत्पादों के लिए वैश्विक प्रमाणन प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतर सकें।
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राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई नीति का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में यूपी के कुल निर्यात मूल्य को दोगुना करना और राज्य को “भारत के अग्रणी निर्यातक प्रदेश” के रूप में स्थापित करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति न केवल अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करेगी, बल्कि राज्य के उद्योगों को आत्मनिर्भर और नवाचार आधारित निर्यात प्रणाली की दिशा में भी अग्रसर करेगी।
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