तेलंगाना के विकराबाद में स्थापित किए जा रहे नौसेना राडार स्टेशन को लेकर उठी चिंताओं के मद्देनज़र तेलंगाना उच्च न्यायालय (High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे तीन सप्ताह के भीतर सभी सवालों और आपत्तियों का समाधान करें।
अदालत में दायर याचिका में स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाया था कि राडार स्टेशन से उनकी जमीन, सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बिना उचित जानकारी और पारदर्शिता के परियोजना को लागू किया जा रहा है, जिससे उनके जीवन और आसपास के वातावरण पर असर पड़ सकता है।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया और कहा कि वे स्थानीय लोगों की चिंताओं को गंभीरता से लें और संपूर्ण जानकारी के साथ समाधान प्रस्तुत करें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि तीन सप्ताह के भीतर दोनों सरकारों को याचिका में उठाए गए मुद्दों पर संतोषजनक जवाब देना अनिवार्य है।
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नौसेना ने कहा है कि यह राडार स्टेशन राष्ट्रीय सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण है। अधिकारियों का दावा है कि परियोजना के सभी पर्यावरणीय और कानूनी पहलुओं का ध्यान रखा जा रहा है और स्थानीय समुदाय को प्रभावित नहीं किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला सुरक्षा और नागरिक अधिकारों के बीच संतुलन का उदाहरण है। हाईकोर्ट का निर्णय केंद्र और राज्य के लिए एक संदेश है कि सुरक्षा परियोजनाओं में स्थानीय लोगों की सहमति और पारदर्शिता सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
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