केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ वामपंथी नेता वी.एस. अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर को राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित सचिवालय के दरबार हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। 100 वर्ष की आयु में उनका निधन होने के बाद, राज्यभर में शोक की लहर है।
शुक्रवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ सचिवालय लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, मंत्रिपरिषद के सदस्य, विभिन्न दलों के नेता, सरकारी अधिकारी और हजारों की संख्या में आम नागरिक पहुंचे। दरबार हॉल में उनके पार्थिव शरीर के पास सैन्य गार्ड ने भी सम्मान प्रकट किया।
वी.एस. अच्युतानंदन ने अपने जीवन में मजदूर आंदोलन, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई संघर्ष किए। वे केरल के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक रहे और अपने सिद्धांतों के प्रति अडिग रहने के लिए प्रसिद्ध थे।
राज्य सरकार ने उनके सम्मान में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है और सभी सरकारी कार्यालयों में तिरंगा झुका रहेगा। शाम को उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान अलाप्पुझा ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है, जो उन्हें एक अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र होंगे। केरल ने एक संघर्षशील नेता और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया है।