उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। सरकार ने इस इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया है, लेकिन विपक्ष ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह महज़ स्वास्थ्य का मामला नहीं हो सकता, इसके पीछे कहीं और गहरी वजहें छिपी हो सकती हैं।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा संसद में सूचित किया गया कि गृह मंत्रालय को धनखड़ का इस्तीफा प्राप्त हुआ है और इसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश के नेतृत्व में जारी रखी गई।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मांग की है कि सरकार को इस असामान्य घटनाक्रम पर विस्तृत और पारदर्शी स्पष्टीकरण देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अगले उपराष्ट्रपति उस पद की गरिमा बनाए रखने में न्याय करेंगे।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस इस्तीफे का समय और तरीका कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई आंतरिक दबाव या राजनीतिक मतभेद इस कदम के पीछे हैं।
धनखड़, जो इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और एक वरिष्ठ अधिवक्ता रह चुके हैं, को जुलाई 2022 में उपराष्ट्रपति चुना गया था। उनका कार्यकाल 2027 तक होना था, लेकिन बीच में इस्तीफा देना कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे रहा है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार उनके उत्तराधिकारी के रूप में किसे नामित करती है और क्या कोई नई जानकारी सामने आती है।