छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने मुस्लिम युवाओं से नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बयान उन्होंने अपनी आधिकारिक हैसियत में दिया है और यह किसी प्रकार का आदेश नहीं बल्कि केवल एक विनम्र आग्रह है।
सलीम राज ने स्पष्ट किया कि गरबा केवल एक नृत्य कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह हिंदू समाज की आस्था और धार्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ आयोजन है। उन्होंने कहा, “गरबा को डांस फ्लोर की तरह न देखा जाए, यह एक आस्था का हिस्सा है और इसे उसी भाव से सम्मान दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उनकी अपील का मकसद सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक शांति बनाए रखना है। उनके अनुसार, नवरात्रि जैसे धार्मिक अवसरों पर किसी भी तरह के विवाद या गलतफहमी से बचने के लिए मुस्लिम युवाओं को गरबा पंडालों में जाने से परहेज़ करना चाहिए।
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हालांकि, इस बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। कुछ नेताओं ने इसे समुदाय विशेष को अलग-थलग करने की कोशिश बताया, जबकि अन्य ने कहा कि यह एक एहतियाती कदम है जिससे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
सलीम राज ने यह भी जोड़ा कि उनकी अपील किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक नहीं है, बल्कि यह एक सुझाव है ताकि समाज में भाईचारा और धार्मिक भावनाओं का सम्मान बना रहे।
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