तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाए गए नए विधेयक को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी। उन्होंने प्रस्तावित वीबी-जी राम जी (VB-G RAM G) विधेयक को “जनविरोधी” और “ग्रामीण मजदूरों के खिलाफ” करार दिया।
रविवार (21 दिसंबर, 2025) को तिरुनेलवेली जिले के पलायमकोट्टई में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि डीएमके तमिलनाडु में कई कल्याणकारी योजनाओं के जरिए “जन-हितैषी शासन” दे रही है, जबकि केंद्र सरकार गरीबों और ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों पर हमला कर रही है।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि संसद में बिना किसी गंभीर बहस के जल्दबाजी में पारित किया गया यह प्रस्तावित विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले खेत मजदूरों और गरीबों को बेरोजगार बना देगा और उनकी आजीविका छीन लेगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी योजना ने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार की गारंटी दी है और इसे खत्म करना सीधे तौर पर ग्रामीण जीवन पर हमला है।
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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि डीएमके और उसके सहयोगी दल भाजपा की इस योजना को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने घोषणा की कि 24 दिसंबर से राज्यभर में लगातार विरोध प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे, ताकि मनरेगा की रक्षा की जा सके और तमिलनाडु के कृषि मजदूरों व ग्रामीण गरीबों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्टालिन ने कहा कि यह संघर्ष केवल एक योजना को बचाने का नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की आजीविका, सम्मान और सामाजिक सुरक्षा को बचाने का है। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आएं।
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