तेलंगाना राज्य में सेवाएं दे रहे विदेशी मेडिकल स्नातकों (Foreign Medical Graduates - FMGs) ने समान वेतन और पेशेवर मान्यता की मांग की है। इन डॉक्टरों ने प्रतिनिधित्व पत्र के माध्यम से अपनी चिंताओं को राज्य सरकार के समक्ष रखा है।
FMG इंटर्न्स का कहना है कि उन्होंने विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा (FMGE) सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है, जो भारत में चिकित्सकीय अभ्यास के लिए अनिवार्य है। इसके बावजूद, उन्हें न तो स्थायी पद मिल पा रहे हैं और न ही वेतन में समानता दी जा रही है, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है।
इन मेडिकल इंटर्न्स ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन आज भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।
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तेलंगाना सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत FMG इंटर्न्स को स्थानीय मेडिकल स्नातकों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है और उन्हें कई अवसरों से वंचित रखा गया है।
इस असमानता के खिलाफ आवाज उठाते हुए, FMG डॉक्टरों ने राज्य स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया है कि उनके साथ भेदभाव न हो और उनके कार्य का समुचित मूल्यांकन किया जाए।
अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर क्या रुख अपनाती है और क्या FMG डॉक्टरों को उनके अधिकार मिलते हैं या नहीं।
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