रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सस्ते आयातित स्टील, विशेषकर चीन से आने वाले स्टील पर लगाम लगाने के लिए कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहा है। विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक भारत इससे पहले अगस्त में व्यापार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज़ (DGTR) की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर कुछ स्टील उत्पादों पर 11%-12% तक आयात शुल्क लगाने की सिफारिश कर चुका है।
सरकार ने अप्रैल में 12% का अस्थायी शुल्क 200 दिनों के लिए लगाया था, जो इस महीने की शुरुआत में समाप्त हो गया। वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में भारत के तैयार स्टील आयात में साल-दर-साल 34.1% की गिरावट दर्ज की गई। चीन से हो रहे सस्ते स्टील आयात के कारण घरेलू स्टील उद्योग पर दबाव बढ़ रहा है और डंपिंग की आशंका भी लगातार बढ़ रही है।
दक्षिण कोरिया और चीन से आयात
रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में दक्षिण कोरिया भारत को तैयार स्टील का सबसे बड़ा निर्यातक रहा और उसने 1.4 मिलियन मीट्रिक टन स्टील भेजा। इसके बाद चीन, जापान और रूस का स्थान रहा। चीन से आने वाला स्टील भारत के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसकी कीमतें काफी कम हैं, जिससे भारतीय स्टील उद्योग असुरक्षित महसूस कर रहा है।
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चीन के स्टील उत्पादन में भी गिरावट देखने को मिल रही है। सरकारी समर्थित स्टील एसोसिएशन के अनुसार, छह साल में पहली बार चीन का स्टील उत्पादन एक अरब टन से नीचे आ सकता है, जो सरकार द्वारा उत्पादन कम करने के वादे के अनुरूप है।
भारत अब इस स्थिति को देखते हुए घरेलू स्टील उत्पादकों को संरक्षण देने के लिए आयात शुल्क को फिर से लागू करने या बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
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