कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी खींचतान एक बार फिर तेज हो गई है। डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार का समर्थन कर रहे विधायक लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं ताकि पार्टी हाईकमान को नए मुख्यमंत्री के रूप में उनका समर्थन जताया जा सके। पार्टी सूत्रों के अनुसार, रविवार (23 नवंबर) की रात कम से कम छह विधायक दिल्ली पहुंचे हैं और कुछ और विधायक भी जल्द ही वहां पहुंच सकते हैं।
शिवकुमार के समर्थन में बढ़ती यह लामबंदी उस समय हो रही है जब कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा हिस्सा पूरा किया है। इसी के साथ 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच हुई कथित “पावर-शेयरिंग” डील की चर्चा फिर तेज हो गई है, जिसके तहत ढाई साल बाद नेतृत्व परिवर्तन होना था।
दिल्ली पहुंचे विधायकों में एच.सी. बालकृष्ण (मगदी), के.एम. उदय (मड्डूर), नयना मोटम्मा (मुडिगेरे), इकबाल हुसैन (रामनगर), शरत बाचेगौड (होसकोटे) और शिवगंगा बसवराज (चन्नागिरी) शामिल हैं। इसी बीच, एआईसीसी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भी बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाले हैं, जबकि राहुल गांधी के भी विदेश यात्रा से लौटने की संभावना है।
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पिछले सप्ताह भी करीब दस विधायक शिवकुमार के समर्थन में दिल्ली जाकर खड़गे से मिल चुके हैं। हालांकि, शिवकुमार ने तब कहा था कि उन्हें इस यात्रा की जानकारी नहीं थी। उधर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी हाल ही में खड़गे से एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की, जिसके बाद राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
सूत्र बताते हैं कि सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल के पक्ष में हैं, जबकि शिवकुमार चाहते हैं कि पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला हो। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यदि हाईकमान कैबिनेट फेरबदल को मंजूरी देता है, तो यह संकेत होगा कि सिद्धारमैया ही पूर्ण पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के CM बनने की संभावना कम हो जाएगी।
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