निलंबन के बाद कविता ने एमएलसी पद और बीआरएस सदस्यता छोड़ी, किसी दल में शामिल न होने का ऐलान
तेलंगाना की वरिष्ठ नेता और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की निलंबित सदस्य के. कविता ने बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। उन्होंने विधान परिषद (एमएलसी) पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की। कविता ने साफ कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगी।
कविता ने अपने इस्तीफे के पीछे पार्टी के वरिष्ठ नेता टी. हरीश राव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हरीश राव ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिश रची, जिसके कारण पार्टी नेतृत्व ने उन्हें निलंबित किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठे प्रचार और अंदरूनी राजनीति के जरिए माहौल तैयार किया गया।
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बीआरएस ने हाल ही में आंतरिक मतभेदों और पार्टी अनुशासन के उल्लंघन के आरोप में कविता को निलंबित कर दिया था। इसके बाद से ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज थीं। हालांकि, कविता ने साफ कर दिया कि वह न तो किसी दल में शामिल होंगी और न ही तत्काल कोई नया राजनीतिक मोर्चा बनाएंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कविता के इस कदम से बीआरएस के भीतर शक्ति संतुलन पर असर पड़ सकता है। वहीं, विपक्षी दल इस घटनाक्रम को राज्य की राजनीति में संभावित बदलाव का संकेत मान रहे हैं।
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