बिहार विधानसभा चुनावों के लिए लंबे समय से चल रही बैठकों और राजनीतिक चर्चाओं के बाद महागठबंधन के घटक दल आखिरकार सीट बंटवारे के फार्मूले पर सहमत हो गए हैं। इस समझौते तक पहुँचने में कांग्रेस और सीपीआई (एमएल) ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई, जबकि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने शुरू से ही अपने रुख को लेकर सख्ती दिखाई।
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे के अंतिम चरण की बातचीत में आरजेडी और वीआईपी के बीच मतभेद बने हुए थे। मुकेश सहनी 20 सीटों की मांग पर अड़े थे, लेकिन अंततः समझौते के तहत उनकी पार्टी को करीब 15 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। आरजेडी ने भी अपने हिस्से की सीटों में मामूली फेरबदल करने पर सहमति जताई, ताकि गठबंधन में सामंजस्य बना रहे।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने गुरुवार को पहले और दूसरे चरण के लिए अपने 48 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। पार्टी ने कहा कि वह बाकी सीटों के लिए नामों की घोषणा जल्द करेगी। कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि महागठबंधन की एकता ही एनडीए के खिलाफ उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
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सीपीआई (एमएल) ने भी बैठक के दौरान सभी दलों से लचीलापन दिखाने की अपील की थी ताकि गठबंधन में दरार की कोई गुंजाइश न रहे। अंततः सभी दलों ने यह महसूस किया कि एकजुट होकर चुनाव लड़ना ही महागठबंधन के लिए फायदेमंद रहेगा।
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