पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के नए विदेशी कानून आदेश की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह आदेश असंवैधानिक और संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है, और इससे देश में सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।
ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस तरह के कानून प्रवर्तन कदम आम नागरिकों और विदेशी नागरिकों के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की यह नीति केवल राजनीतिक लाभ के लिए लागू की गई है, जबकि इसका वास्तविक उद्देश्य नागरिकों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को प्रभावित करना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में, जहां सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता व्यापक है, इस आदेश से समुदायों के बीच भ्रम और डर की भावना पैदा हो सकती है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह इस आदेश पर पुनर्विचार करे और राज्यों के सुझावों को ध्यान में रखे।
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विशेषज्ञों का कहना है कि ममता बनर्जी का यह कदम मुख्य रूप से राजनीतिक दृष्टिकोण से उठाया गया है, ताकि राज्य और केंद्र के बीच नीति और प्रशासनिक दृष्टिकोण में स्पष्ट अंतर दिखाई दे। इसके साथ ही, यह आदेश राज्यों को यह अधिकार देता है कि वे अपने क्षेत्रीय दृष्टिकोण और नागरिक सुरक्षा के अनुसार कार्रवाई कर सकें।
मुख्यमंत्री ने जनता से कहा कि वे शांत और संयमित रहें और इस तरह के कानूनों का सकारात्मक और संवैधानिक ढंग से पालन करें। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार इस मामले में न्यायालय और अन्य संवैधानिक माध्यमों का सहारा ले सकती है।
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