हिजाब विवाद को लेकर चल रही सियासी बहस के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला बोला है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर का घूंघट हटाने की घटना की आलोचना करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह की मानसिकता पहले भी देखी जा चुकी है और इसकी शुरुआत महबूबा मुफ्ती ने ही की थी।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “लोग शायद भूल गए होंगे कि एक बार महबूबा मुफ्ती ने एक वैध महिला मतदाता का पोलिंग बूथ के अंदर बुर्का उतरवाया था। यह उसी सोच की निरंतरता है। वह घटना भी दुर्भाग्यपूर्ण और उतनी ही शर्मनाक थी, जितनी यह मौजूदा घटना है।” उन्होंने यह बयान बुधवार को श्रीनगर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया।
उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने एक सांप्रदायिक पार्टी के सहयोगी के रूप में अपना असली चेहरा दिखाया है। गौरतलब है कि हाल ही में बिहार में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र लेने आई एक महिला डॉक्टर के चेहरे से घूंघट हटाने की कोशिश की थी, जिसके बाद व्यापक विवाद खड़ा हो गया।
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महबूबा मुफ्ती ने अप्रैल 2004 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक महिला का घूंघट उठाया था। उस समय आलोचना होने पर उन्होंने कहा था कि वह मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना चाहती थीं, क्योंकि कई बार फर्जी मतदान के लिए घूंघट का इस्तेमाल किया जाता है।
इस पूरे विवाद पर महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने उमर अब्दुल्ला पर तंज कसा है। पार्टी के प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि उमर अब्दुल्ला को अपने गठबंधन सहयोगियों पर सवाल उठाने चाहिए थे, न कि महबूबा मुफ्ती की आलोचना करनी चाहिए।
वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि एक युवा मुस्लिम महिला का नकाब सार्वजनिक रूप से हटाना अपमानजनक है और यह बेहद चिंताजनक है।
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