संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, जहां दिन के निर्धारित विधायी कार्यों पर चर्चा की गई। इस दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण): VB-G RAM G बिल, 2025 का कड़ा विरोध किया। यह विधेयक करीब दो दशक पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का स्थान लेगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि MGNREGA के तहत गरीबों को 100 दिनों के रोजगार का कानूनी अधिकार मिला था, लेकिन नया बिल उस अधिकार को कमजोर करेगा। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने भले ही कुछ नई बातें जोड़ दी हों, लेकिन क्या मजदूरी बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि केवल नाम बदलने और प्रावधानों में बदलाव से ग्रामीण गरीबों की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि MGNREGA का नाम बदलना केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि इससे इस अधिकार-आधारित योजना की मूल भावना और गरीबों के हक को कमजोर किया जा रहा है।
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इस बीच कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने विधेयकों के नामों में हिंदी शब्दों के बढ़ते इस्तेमाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह गैर-हिंदी भाषी लोगों के लिए अपमानजनक है, क्योंकि वे ऐसे नामों को न तो पहचान पाते हैं और न ही सही ढंग से उच्चारित कर पाते हैं।
वहीं, लोकसभा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 41,455 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगों को भी मंजूरी दे दी। इसमें उर्वरक सब्सिडी के लिए 18,525 करोड़ रुपये और तेल विपणन कंपनियों को मुआवजे के लिए करीब 9,500 करोड़ रुपये शामिल हैं। सरकार को कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय की अनुमति दी गई, जिसमें से शुद्ध नकद व्यय 41,455 करोड़ रुपये होगा।
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